सरदार वल्लभ भाई पटेल
आज ३१दिस्बर जन्मदिन
********************
सरदार बल्लभ भाई पटेल।
देश के सपूत वसूल के पक्के
आजादी के दिवाने।
नाम था बल्लभ भाई पटेल
जन्मे आजादी की अलख जगाने।
मातृभूमि के पुजारी आए परतंत्रता से माँ को छुडा़ने ।
जनता के नायक
सत्य के पुजारी
संगठन की अपार शक्ति वाले।
झुंड मे नहीं अपनी अलग राह बनाते
शेर सा चाल चलने वाले।
अंग्रेजों की अग्रेजी भाषा से दूर
अपने देश पर मर मिटने वाले।
काग्रेस पार्टि के गद्दावर नेता
कोई ओहदा न लेने वाले।
सबकी मेहनत रंग लाई सन्
१९४७में हमने आजादी पाई।
आजाद देश के पहले गृहमंत्री
पद की शोभा बढाई।
उनके मन मे ये आया दिमाग उनका चकराया छोटे छोटे राज्यो से तो देश कमजोर होगा।नेहरू जी को खबर भेजवाया सेना का सहयोग मांगा।नेहरू जी ने पूछा हमे भी बताओ कहा जरूरत होगा।छोटे छोटे राज्य से देश
कमजोर होगा।
सब राज्य एक मे मिलायेंगें एक बडा़ मजबूत राष्ट्बनायेगें।
सब छोटे राज्यों ने बात मान
कर राष्ट्र हित मिल गये।
लेकिन हैदराबाद के नवाब अड़़ गये।
पटेल जी ने कहा अब तो बच्चू फंंस गये।
सेना का घेरा डालेगे इनको मिट्टी मे मिलायेगें
सेना का घेरा पडा़ देख नवाब
बोले सेना का घेरा हटाओगें तो हम एक बडे़ राष्ट्र मे मिल जायेगें।
यह सुन कर पटेल जी ने खुशी जताया।
हैदराबाद की रियासत को भारतराष्ट्र में मिलाया।
सन् १९५०में पटेल जी ने भारत को गणतंत्र देश बनाया।
काशमीर के राजा ने भारत से नही हाथ मिलाया।
तब पाक ने काशमीर मे कबाइलियों से आक्रमण कराया।
रात में राजा हरि सिंह ने भारत से मदद के लिए गुहार लगाया।
नेहरू जी ने पटेल से कह कर मदद के लिए हाथ बढ़ाया ।
पटेल जी बोले पहले जब भारत मे बिलय करेगें।
तब भारत के सैनिक उनकी मदद करेगें।
इस तरह काशमीर से कन्या कुमारी तक एक राष्ट्र कहलाया।
यह गृह मन्त्री पटेल जी की बुद्धि की माया राष्ट्र के समझ
में आया।
उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति देख कर महत्मा गांधी जी ने लौह नाम बुलाया।
वो लौह पुरूष भी काल से नहीं लड़ पाया।
और १५दिसम्बर १९५० को प्रभू चरणों में जाके शीश झुकाया।
लौह पुरुष के चरणों में शत शत नमन।
बृज किशोरी त्रिपाठी गोरखपुर उत्तर प्रदेश
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर
Palak chopra
03-Nov-2022 03:20 PM
Shandar 🌸
Reply
Gunjan Kamal
02-Nov-2022 03:54 PM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
Reply
Raziya bano
01-Nov-2022 05:08 AM
Nice
Reply